ज्योतिष शास्त्र में आयु निकालने के पांच सिधांत हैं - (A) लग्न ध्रुवlकों द्वारा (B) केंद्रायु द्वारा (C) पिंडlयु द्वारा (D) ग्रहायु द्वारा (E) लग्नlयु द्वारा !
एवं इन सब में सटीक और क्लिष्ट पिण्डlयु तथा लग्नlयु साधन है - जिसमें लग्न के जितने नवाशं खंड बीत चुके हैं,उतने वर्ष तथा जितनी कला हो, वहां प्रति कला पर1दिन,48 घटी व प्रति विकला पर 1 घटी 48 पल आयु होती है l
उदाहरणार्थ :- स्पष्ट लग्न 2/13/21/53 है ! अर्थात् मिथुन राशि के 13 अंश 21 कला 53 विकला l
3 अंश तथा 20 कला का एक खंड होता है l
अतः 3/20 गुणे 4=13/20
अब 13/21/53(-)13/20/53 कला =1 दिन 48 घटी !
53 विकला =5 3 गुणे 1 घटी 48 पल =1 दिन 35 घटी 24 पल !
*इस प्रकार गणना द्वारा लग्न बल की कुल आयु निकली =4 वर्ष 3 दिन 23 घटी 24 पल !
अब इसी प्रकार अन्य सूर्यादि ग्रहों की अलग 2 आयु की गणना कर उसका योग करें, जिससे पूर्ण आयु -वर्ष/मास/दिन/घटी/पल में निकल जाएगी
अतः किसी भी कुंडली से आयु शोधन कर जाना जा सकता है कि व्यक्ति जीवित है या मृत ! इसका सूत्र प्रचीन ज्योतिष ग्रंथों में वर्णित है, जो मेरे पास है l पुराने ज्योतिष कुंडली मे व्यक्ति की स्पष्ट आयु लिखते थे,जो100%सटीक होती थी l
मेरे द्वारा केवल लग्न की गणना, उदाहरण हेतु की गई है l
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