प्रकृति केआगे विज्ञान फैल हैं

प्रकृति केआगे विज्ञान फैल हैं-
"विज्ञान" ही इंसान की असली "अंधश्रद्धा" है..!

__क्या अद्भुत खोज है! वैज्ञानिकों ने पता लगाया है कि चींटियाँ सर्दियों के लिए आवश्यक अनाज और बीज इकट्ठा करने के बाद उन बीजों को अपने घोंसलों में जमा करने से पहले आधा कर देती हैं क्योंकि आधा तोड़ने से वे बारिश और सबसे सही अंकुरण स्थितियों के बावजूद अंकुरित नहीं हो पाते हैं। लेकिन वैज्ञानिक तब दंग रह गए जब उन्होंने पाया कि चींटियों के घोंसलों में रखे धनिया के बीज 2 टुकड़ों की बजाय 4 टुकड़ों में टूट गए थे! प्रयोगशाला अनुसंधान के बाद, वैज्ञानिकों ने पाया कि धनिया का बीज दो भागों में विभाजित होने के बाद भी अंकुरित हो जाता है, लेकिन चार भागों में विभाजित होने के बाद यह अंकुरित नहीं होगा! तो ये छोटे छोटे जीव यह सब कैसे जानते हैं? मनुष्य बहुत कम जानता है, दूसरे जीवों से सीखने के लिए बहुत कुछ है✍️✍️ 

Post a Comment

0 Comments