महादशा का खेल

महादशा का खेल

जैसा की हम सभी जानते हैं की ग्रह अपने महादशा के हिसाब से काम करती है

महादशा का मिसाल ऐसा समझते हैं मानो क्रिकेट मैच चल रहा हो...

और मैच के दौरान वह बल्लेबाज जो पिच पर बल्लेबाजी कर रहा हो ..पूरा का पूरा मैच उसे बल्लेबाज पर निर्भर रहता है जो पिच पर बैटिंग कर रहा है ।।

बाकी दर्शक दीर्घा में बैठकर यानी पवेलियन बैठकर या तो आउट हो चुके होते हैं, या मैच का लुफ्त उठा रहे होते हैं, या Still To Bat यानी अपने बल्लेबाजी का इंतजार कर रहे होते हैं ।।।

पर पूरी की पूरी मैच उस खिलाड़ी पर निर्भर होती है जो की पिच पर बल्लेबाजी करता है ।।

 महादशा भी पिच पर बल्लेबाजी करता हुआ वह बल्लेबाज है जिस पर पूरा का पूरा खेल निर्भर रहता है...

 आपने सुना होगा की कुंडली में फलाना ग्रह उच्च के हैं, फलाना ग्रह बहुत अच्छे हैं, पर वह सभी ग्रह पेवेलियन बैठे वह खिलाड़ी के समान है जो सिर्फ आपके जीवन के खेल का लुत्फ ही उठा सकते हैं ..

और आपकी कुंडली का खेल तो पूरा उस ग्रह पर निर्भर है जो की पिच पर बल्लेबाजी कर रहा है यानी वह ग्रह जिसकी महादशा चल रही है ।।।

जैसा कि हमने पहले भी कहा था की दशा.. दिशा तय करती है ।।

हमने अपने ज्योतिष यात्रा के दौरान इस बात को काफी करीब से अनुभव किया, इस अनुभव को आप सभी के समक्ष पेश कर रहा हूं ।।।

एक जातक जिसकी केतु की महादशा चल रही थी ...

स्थिति इतनी खराब थी कि क्या कहना...

तंगहाली भरा जीवन ..पैसे पैसे को मोहताज ..

प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहा था..

कभी-कभी तो हालत ऐसी थी की एग्जामिनेशन सेंटर अगर दूर पड़ जाए तो पैसे भी नहीं होते थे परीक्षा देने को ।।

जातक ने कहा कि बस और नहीं ..

पर मैंने कहा कि बस एक साल और...क्योंकि आने वाला समय ध्रुव तारा की तरह चमकता शुक्र की महादशा उसका इंतजार कर रहा था ...

शुक्र की महादशा शुरू हो चुकि थी ...

महादशा ने अपना खेल दिखाया ...

जातक का चयन F.C.I

 फूड कारपोरेशन ऑफ़ इंडिया में हो गया..

फिलहाल जातक फूड इंस्पेक्टर है और एक प्रतिष्ठित सरकारी पद पर अपने जीवन के सुख के चरम स्थिति पर है ।।

वह जातक जो केतु की महादशा में आत्महत्या करने की सोच रहा था ...

इसलिए कहा जाता है की दशा दिशा तय करती है ।।

सदैव याद रखें जीवन किसी मोड़ से भी नया मोड़ ले सकती है ।।

बस आपको करना क्या है डटकर पिच पर डटे रहना है ...

पिच पर डटे रहेंगे स्कोर बोर्ड में स्कोर बढ़ता रहेगा ।।

जीवन हर दिन एक नई गेंद फेंकेगी ...

जितनी भी समस्या है वह बाउंसर गेंदें हैं जिनको झुक कर झेल लेना है... और अच्छी गंदे अपॉर्चुनिटी है जिस पर आगे बढ़कर छक्का मारना है ।।।

और जिंदगी एक खेल है बस खेलते रहना है ।।।

महादशा के खेल को एक अन्य उदाहरण से समझते हैं ..

किसी भी राज्य का सर्वोच्च पद मुख्यमंत्री का होता है

महादशा जिस ग्रह की चल रही है वह राज्य के मुख्यमंत्री के समान है ।।

अब सवाल आता है की महादशा के साथ-साथ अंतर्दशाएं, प्रत्यंतर दशाएं, सूक्ष्मदशाएं ,और प्राण दशाएं भी चलती है उनका क्या महत्व है ।।

तो राज्य में मुख्यमंत्री के अलावा सांसद, विधायक, कलेक्टर S.P भी होते हैं , सबका अलग-अलग भूमिका होती है पर वह सभी मुख्यमंत्री के निर्देश से ही चलते हैं ।।

राज्य में मुख्यमंत्री से बड़ा कोई पद नहीं... वैसे ही आपकी कुंडली में महादशा से बड़ा कोई नहीं ।।

मुख्यमंत्री अगर अलग पार्टी का हो, और विधायक विपक्ष पार्टी का तो सदैव याद रखें विधायक का अपना एक अधिकार क्षेत्र है, और विधायक अपने क्षेत्र तक ही सीमित है , वह मुख्यमंत्री का विरोध कर सकता है पर अंततः होगा वही जो मुख्यमंत्री चाहेगा ।।।

कुंडली में भी जिस ग्रह की महादशा चल रही है और जिस ग्रह की अंतर्दशा चल रही है, हो सकता है वह आपस में शत्रु भाव रखते हो ....

यानी आपस में विपक्ष पार्टी के हो, अंतर्दशा वाले ग्रह विरोध करेंगे महादशा वाले ग्रह के काम का ..अंततः विजय उन्हीं का होगा जिस ग्रह की महादशा चल रही हो ।।।।

उदाहरण के तौर पर गुरु की महादशा में शुक्र की अंतर्दशा चल रही है अब दोनों एक दूसरे के विपक्ष पार्टियों से हैं शुक्र कितना भी दबाव दे दे पर यहां शुक्र को गुरु के आदेश अनुसार चलना होगा क्योंकि महादशा गुरु की चल रही है ।।

अब इसको उलट ... शुक्र की महादशा चल रही हो और गुरु की अंतर्दशा चल रही हो तो यहां पर शुक्र अपने हिसाब से काम लेगा भले ही कुंडली में गुरु कितना ही बलि क्यों ना हो ।।

आपकी कुंडली में अगर कोई ग्रह परम योग कारक हो और उसकी महादशा चल तो आप विजेता होंगे ।।

उदाहरण के तौर पर मेष लग्न हो सूर्य चंद्रमा और गुरु की महादशा चल रही हो

वृषभ लग्न हो शनि या बुद्ध की महादशा चल रही है

मिथुन लग्न हो गुरु या बुद्ध की महादशा चल रही हो

कर्क लग्न हो शुक्र या गुरु की महादशा चल रही है

सिंह लग्न बृहस्पति सूर्य की महादशा चल रही है

कर्क लग्न और सिंह लग्न में मंगल की महादशा चल रही हो

कन्या लग्न में बुद्ध और शुक्र की महादशा चल रही हो

तुला लग्न में शनि या बुध की महादशा चल रही हो

वृश्चिक लग्न में सूर्य चंद्रमा या बृहस्पति की महादशा चल रही है

धनु लग्न हो और मंगल या फिर बृहस्पति की महादशा चल रही हो

मकर लग्न हो बुध या शुक्र की महादशा चल रही हो

कुंभ लग्न हो बुध या गुरु की महादशा चल रही हो

मीन लग्न हो गुरु चंद्रमा या मंगल की महादशा चल रही हो

उपरोक्त सभी लग्न के लिए सभी ग्रह राजयोग कारक हैं ।।

या फिर राहु की महादशा चल रही हो और राहु धनेश लाभेश पंचमेश या भाग्येश के नक्षत्र में बैठा हो ।।

अब कभी-कभी अकारक ग्रह भी अच्छा फल देते हैं जब वह विपरीत राजयोग कारक स्थिति में बैठा हो ।।

उदाहरण के तौर पर कर्क लग्न और सिंह लग्न के लिए शनि की महादशा मृत्यु तुल्य कष्ट देने वाली होती है ।।

पर वही अगर यह शनि विपरीत राजयोग कारक बनकर बैठा हो तो महादशा बेहद शानदार होगी ।।

उदाहरण के तौर पर कर्क लग्न हो और शनि अष्टमेश होकर द्वादश भाव में बैठा हो ।।

यानी छठा , अष्टम , द्वादश भाव का स्वामी ग्रह इन्हीं भाव में बैठे और विपरीत राजयोग कारक की स्थिति बनाएं, तो इनकी महादशा अच्छी रहेगी भले ही यह अनिष्टकारी क्यों ना हो ।।।

इसके साथ-साथ यह भी देखें कि जिस ग्रह की महादशा चल रही है उस ग्रह में बल कितना है, यानी अगर वह ग्रह कुंडली के लिए योगकारक है मतलब केंद्र त्रिकोण का स्वामी हो, और कुंडली में केंद्र त्रिकोण में ही बैठ जाए ...

नवांश में स्थिति अच्छी हो.. अस्त न हो ।।।

जैसे की अगर कोई खिलाड़ी बल्लेबाजी करता है उसके पहले वह अपना फिटनेस टेस्ट देता है , कि कहीं वह बीमार तो ना है कहीं आउट ऑफ फॉर्म तो ना है और अगर पूरी तरीका से फिट है तो वह बल्लेबाजी में शतक भी बनाएगा ।।।

इस तरह से महादशा वाले ग्रह का अस्त ना होना , नवांश में अच्छी स्थिति का होना, यह सारी बातें ग्रह का फिटनेस टेस्ट है.. इसे अवश्य चेक करें ।।।

और अमुक ग्रह अगर फिटनेस टेस्ट में पास हुआ फिर तो वह महादशा में ऐसा धमाल मचाएगा कि आप देखते रह जाएंगे ।।

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