गर्भ धारण के लिए आयुर्वेदिक नुस्खे

गर्भ धारण के लिए आयुर्वेदिक नुस्खे

गर्भ धारण न होने की समस्या से जूझ रही महिलाओं के लिए आयुर्वेदिक ग्रंथों में कई प्रकार के नुस्खों का उल्लेख है, जिनके नियमित उपयोग से गर्भ धारण की संभावना बढ़ सकती है। यहाँ कुछ प्रभावी आयुर्वेदिक नुस्खे दिए गए हैं:

1. कायफल का प्रयोग
कायफल को पीसकर और छानकर बराबर मात्रा में शक्कर मिलाकर रख लें।
ऋतुस्नान (मासिक चक्र समाप्ति के बाद स्नान) के बाद 4वें, 6वें, और 7वें दिन 500 ग्राम सेवन करें।
इसके बाद 8वें से 16वें दिन तक पति के साथ सहवास करने से गर्भ ठहरने की संभावना बढ़ जाती है।
बांझ स्त्री के लिए यह सरल उपाय कारगर माना गया है।

2. नागकेसर का सेवन
नागकेसर को पीसकर, बछड़े वाली गाय के दूध के साथ सेवन करने से गर्भ ठहरने की संभावना होती है।
ऋतुस्नान के बाद असगंध को दूध में उबालकर उसमें घी मिलाकर सुबह सेवन करें और रात को पति के साथ सहवास करें।

3. भैषज्य रलावली में वर्णित चूर्ण
छोटी पिप्पली, सौंठ, काली मिर्च, और नागकेसर को बराबर मात्रा में पीसकर चूर्ण बनाएं।
इस मिश्रण का 10 ग्राम गाय के घी में मिलाकर मासिक धर्म के आठवें दिन सुबह सेवन करें।
रात में पति के साथ सहवास करने से गर्भ ठहरने की संभावना बढ़ जाती है।

4. असगंध का महत्त्व
असगंध में गर्भ उत्पन्न करने की क्षमता मानी जाती है।
इसे नियमित रूप से सेवन करने से गर्भ ठहरने की संभावना बढ़ जाती है।

5. हींग के पेड़ का बीज
हींग के पेड़ का बीज खाने से गर्भ ठहरने में मदद मिलती है।


6. तुलसी के बीज का काढ़ा
तुलसी के बीज का काढ़ा मासिक चक्र के पहले से तीसरे दिन तक पीने से गर्भ ठहरने की संभावना बढ़ जाती है।

7. लक्ष्मणा और सुदर्शन जड़ का उपयोग
लक्ष्मणा और सुदर्शन की जड़ को पीसकर घी और दूध में मिलाकर मासिक चक्र के पहले से तीसरे दिन सेवन करें।

यह नुस्खा बांझपन की समस्या में उपयोगी सिद्ध होता है।

8. बिदारी कंद और सोने का भस्म
बिदारी कंद और सोने का भस्म नियमित सेवन करने से गर्भ ठहरने की संभावना होती है, साथ ही पुत्र प्राप्ति होती है।


9. असगंध और चौंदी भस्म
असगंध की जड़ के साथ चौंदी भस्म को बछड़े वाली गाय के दूध में मिलाकर तीन दिन सेवन करने से भी गर्भ ठहरने की संभावना बढ़ जाती है।

10. शिवलिंगी फल का सेवन
ऋतुस्नान के चौथे दिन शिवलिंगी का एक फल खाने से गर्भ ठहरने की संभावना रहती है।


11. वट वृक्ष की जटा
मासिक चक्र के दौरान वट वृक्ष की जटा को गाय के घी में मिलाकर सेवन करने से गर्भ ठहर सकता है।


12. पारस पीपल के बीज का प्रयोग
मासिक चक्र के पहले तीन दिनों में पारस पीपल के बीजों को घी और चीनी के साथ सेवन करने से गर्भ ठहरने की संभावना बढ़ जाती है।


13. शिवलिंगी बीज और जीरा
शिवलिंगी बीज और जीरा को मिलाकर ऋतुस्नान के बाद दूध के साथ सेवन करने से गर्भ ठहरता है।

14. काकमाची अर्क और सोने का भस्म
काकमाची अर्क के साथ सोने का भस्म लेने से गर्भ ठहरने की संभावना बढ़ती है, साथ ही मासिक धर्म की समस्या और प्रदर रोग में भी लाभ होता है।

इन सभी नुस्खों का उपयोग किसी आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह से ही करें।


Post a Comment

0 Comments