थोडा पुरूषो के लिए...?

*पुरुष का श्रृंगार तो स्वयं प्रकृति ने किया है..*

*स्त्रियाँ* काँच का टुकड़ा हैं..जो मेकअप की रौशनी पड़ने पर ही चमकती हैं..

किन्तु *पुरुष* हीरा है जो अँधेरे में भी चमकता है और उसे मेकअप की कोई आवश्यकता नहीं होती।

खूबसूरत *मोर* होता है *मोरनी* नहीं..

मोर *रंग - बिरंगा* और *हरे - नीले* रंग से सुशोभित..जबकि मोरनी *काली सफ़ेद*..

मोर के *पंख* होते हैं इसीलिए उन्हें *मोरपंख* कहते हैं..मोरनी के पंख नहीं होते..

*दांत* हाथी के होते हैं,हथिनी के नहीं। हांथी के दांत *बेशकीमती* होते हैं। *नर हाथी* मादा हाथी के मुकाबले बहुत *खूबसूरत* होता है।

*कस्तूरी* नर हिरन में पायी जाती है। *मादा हिरन* में नहीं।
नर हिरन *मादा हिरन* के मुकाबले बहुत *सुन्दर* होता है।

*मणि* नाग के पास होती है , *नागिन* के पास नहीं।
नागिन ऐसे नागों की दीवानी होती है जिनके पास *मणि* होती है।

*रत्न महासागर* में पाये जाते हैं, *नदियो* में नहीं..और *अंत* में *नदियों* को उसी *महासागर* में गिरना पड़ता है।

*संसार* के बेशकीमती *तत्व* इस प्रकृति ने *पुरुषों* को सौंपे..

*प्रकृति ने पुरुष* के साथ अन्याय नहीं किया..

*9 महीने* स्त्री के गर्भ में रहने के बावजूद भी *औलाद का चेहरा*, स्वभाव पिता की तरह होना,

ये संसार का सबसे बड़ा *आश्चर्य* है..

क्योंकि ,

*पुरुष का श्रृंगार* प्रकृति ने करके भेजा है,.....

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